Nasha Shayari is an effective way of expression, full of ups and downs about passion and addiction, that creates a tapestry of emotions with which many people can identify. It mediates between the inner thoughts of the poet and the knowledge of the reader on the complicated natures of love.
This article is an attempt to talk about the charm of Nasha Shayari, about its actuality in life nowadays and its influence on the feeling of deep emotions.
You can also read: Rishte Shayari
Nasha Shayari
उसने हाथो से छू कर दरिया के
पानी को गुलाबी कर दिया,
हमारी बात तो और थी उसने
मछलियों को भी शराबी कर दिया…
मयखाने बंद कर दे चाहे लाख दुनिया वाले,
लेकिन….शहर में कम नही है, निगाहों से पिलाने वाले……
‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से….
Nasha Shayari 2 Lines

प्यार के नाम पे यहाँ तो लोग खून पीते है,
मुझे खुद पे नाज़ है की मैं सिर्फ शराब पीता हु…….
मैखाने मे आऊंगा मगर…पिऊंगा नही साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती…
कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से,
बोतल पे लिखा तो है, मैं जान लेवा हूँ…..
नशे पर शायरी
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख, सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी…
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू,
सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू,
जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश,
मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू……..!!
मै तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मै जवाब बनता अगर तू सबाल होती,
सब जानते है मै नशा नही करता,
मगर मै भी पी लेता अगर तू शराब होती……
Shayari On Nasha
लगता है बारिश भी मैखाने जाकर आती है,
कभी गिरती, कभी संभालती,
तो कभी लड़खड़ा कर आती है……..!!!
यार तो अक्सर मदिरालय मे हीं मिलते हैं,
वर्ना अपने तो मंदिर में भी मुँह मोड़ते हैं….
मैखाने से दीवानों का रिश्ता है पुराना,
दिल मिले तो मैखाना, दिल टूटे तो मैखाना…
शराब और इश्क़ कि फितरत एक सी है,
दोनों में वही नशा, वही दिलकशी, एक दिन तौबा करो उनसे,
दुसरे दिन फिर वही दीवानगी, फिर वही खुदखुशी….
Nashe Par Shayari

बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है,
हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही…
नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है,
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…
ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई…
किसी ने ग़ालिब से कहा,
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती,
ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”….
शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….
Conclusion
Being much more than poetry, Nasha Shayari is a tribute to the beautiful balancing act of love, longing, and at times, enhanced by the lure of intoxication. With its bright images and catchy language, it makes readers imagine what they feel deep inside and tells their stories about passion.
This genre can carry us to other emotional horizons, to make us feel that we are not alone in our lives, that we are understood.