Rishte Shayari offers a unique lens through which we can view the complexities of human relationships, blending emotion with artistry. Many people struggle to articulate their feelings, but these poetic phrases provide a compelling way to express affection, longing, and connection.
In this article, we will explore the rich tradition of Rishte Shayari, highlighting its relevance in modern life and its ability to strengthen bonds.
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Rishte Waqt Shayari

अपना हिस्सा मांग कर देखो
सारे रिश्ते बेनकाब हो जायेंगे
और अपना हिस्सा छोड़ कर देखो
सारे कांटे भी गुलाब हो जायेंगे…
तूने रिश्ता तोड़ा है
मजबूरी होगी तेरी मैं मानता हूं
मुझे तो निभाने दे
मै भला तुझसे क्या मागता हूं।
रिश्ता दिलों का हो तो
दूरियां मायने नहीं रखतीं।
मजबूरियां सब पर हावी हो
ये ज़रूरी तो नहीं
कुछ रिश्ते बेहतर की तलाश में भी
छोड़ दिए जाते हैं…
दिखावे के रिश्ते शायरी
छुपे छुपे से रहते है
सरेआम नही होते
कुछ रिश्ते सिर्फ एहसास है
उनके नाम नही होते।
रिश्ता उसी से रखो
जो इज्जत हो सम्मान दे
मतलब की भीड़ बढ़ाने का
कोई फायदा नहीं।
रिश्ते बड़ी बड़ी बातें करने से
नही छोटे छोटे बातो को
समझने से गहरे होते है
भले ही ज़िंदगी भर अकेले रह लो
पर किसी से
कभी ज़बरदस्ती रिश्ता निभाने की
ज़िद मत करना…
Rishte Izzat Shayari

जब नियत ही न हो
रिश्ते निभाने की
फिर वजह बनाई जाती है
छोड़ जाने की जनाब।
तजुर्बा कहता है
रिश्तों में फासला रखिए
ज्यादा नजदीकियां
अक्सर दर्द दे जाती हैं…
बनावटी रिश्तों से
ज्यादा सुकून देती है।
एक कप कड़क चाय जनाब
कभी कभी किसी से
ऐसा रिश्ता बन जाता है,
हर चीज से पहले
उसी का ख्याल आता है.!
तूने मुझसे रिश्ता तोड़ा है,
तेरी मज़बूरी होगी मैं मानता हूँ,
जब मैं रोता हूँ तू हस्ती है,
तू हस्ती रहे ये दुआ मांगता हूँ।
सच बोलनें से अक्सर बचना चाहिए
क्योंकि
बड़े से बड़े रिश्ते टूट जाते हैं
सच बोलने से
Rishte Matlabi Shayari

मुझे अपना अकेला पन ही ज्यादा भाता है
इन खोखले रिश्तो के बीच
मन बहुत घबराता है…
चाय से जो रिश्ता है मेरा
वो समझ नहीं आता
शब्दों में कैसे बयां करे हम जनाब।
अजी सुनती हो…..
पुराने खयाल का लड़का हूं मैं
रिश्ते उम्र भर निभाना पसंद है मुझे
Rishte Shayari
आज के ज़माने में रिश्ते कहां
खून के सगे होते है
हर बर्बादी के पीछे
अपनो के ही हाथ लगे होते हैं।
चुप रहता हूं ,
यानी रिश्तों का मान रखता हूँ
वरना मैं भी हर लहजे की पहचान रखता हूँ।
जब रिश्ते पर ही धूल पड़ चुकी हो
तो फिर ब्लाॅक अनब्लाॅक मायने नहीं
रखता…
रिश्तों का नूर तो मासूमियत से है,
ज्यादा समझदारियों से
रिश्ते फीके पड़ने लगते हैं।
Conclusion
Rishte Shayari beautifully captures the essence of relationships, reflecting the myriad emotions that come with love, friendship, and familial bonds. These poetic expressions not only serve as a medium for personal reflection but also resonate deeply with others who may share similar experiences.
By utilising Shayari, individuals can articulate their feelings profoundly and artistically, making their connections even more meaningful.