Julfe Shayari beautifully captures the essence of love and longing through its poetic expressions. The intricate wordplay and emotional depth make it a cherished form of art that resonates with many.
Zulfein Shayari serves as a powerful medium to convey one’s feelings. Its timeless appeal continues to inspire poets and lovers alike, inviting them to explore the nuances of affection. Embrace this beautiful tradition by sharing your favourite zulfein shayari with someone special today.
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Julfe Shayari In Hindi – ज़ुल्फ़ें शायरी
पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह
ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ..
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे
तब मैंने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
आप की नाज़ुक कमर पर बोझ पड़ता है बहुत
बढ़ चले हैं हद से गेसू कुछ इन्हें कम कीजिए
हैदर अली आतिश
जो देखते तिरी ज़ंजीर-ए-ज़ुल्फ़ का आलम
असीर होने की आज़ाद आरज़ू करते
हैदर अली आतिश
अब्र में चाँद गर न देखा हो
रुख़ पे ज़ुल्फ़ों को डाल कर देखो
जोश लखनवी

Zulf Shayari
ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर
एक नदी में कितने भँवर
जाँ निसार अख़्तर
Zulf..
तसव्वुर ज़ुल्फ़ का है और मैं हूँ
बला का सामना है और मैं हूँ
लाला माधव राम जौहर
तेरी ज़ुल्फ़ों का जादू ऐसा है,
कि मैं हर रोज़ उसमें खो जाता हूँ।
उन लहराती जुल्फ़ों में बसी है,
मेरा दिल, मेरा प्यार, और मेरा सपना।
तेरे बालों की सवारी में,
मेरा हर पल बसर हो जाता है।
तेरी एक झलक और तेरी एक मुस्कान,
मेरी पूरी दुनिया सज जाती है।
ज़ुल्फ़ों के हर झूले में बसी है,
कोई गहरी कहानी और इक याद।
हर लहर में छुपी है एक चाहत,
हर घुमाव में है मेरा दिल तुझसे जुड़ा।
तेरी ज़ुल्फ़ों में, मेरी धड़कनें उलझी हैं,
हर strand में, कोई प्यार की धारा बसी है।
उन बालों में खो जाने की ख्वाहिश है,
जहाँ से लौट के मैं कभी न आऊं।

Zulfein Shayari For Beautiful Girls
तुम्हारी ज़ुल्फ़ें लहराती हैं जैसे समुंदर की लहरें,
और मेरी सांसें उन लहरों के संग बहती हैं।
हर बारीक बाल में बसी है एक याद,
और तुम हो, मेरे ख्वाबों का सच।
हम हुए तुम हुए कि ‘मीर’ हुए
उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए
मीर तक़ी मीर
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
मिर्ज़ा ग़ालिब
कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है
प्रेम वारबर्टनी
इजाज़त हो तो मैं तस्दीक़ कर लूँ तेरी ज़ुल्फ़ों से
सुना है ज़िंदगी इक ख़ूबसूरत दाम है साक़ी
अब्दुल हमीद अदम
कुछ अब के हम भी कहें उस की दास्तान-ए-विसाल
मगर वो ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ खुले तो बात चले
अज़ीज़ हामिद मदनी
तेरी ज़ुल्फ़ों में लहराती चाहतें हैं,
जैसे हवाओं में बहती सूरतें हैं।
मेरे दिल का हर एक अरमान,
बस तुम्हारे बालों में लहराता है।
तेरी ज़ुल्फ़ों में बसी मोहब्बत को,
मैं हर रोज़ महसूस करता हूँ।
इन लहराती जुल्फ़ों की छांव में,
अपनी पूरी दुनिया को पा लेता हूँ।
ज़ुल्फ़ों के हर लहर में छुपा एक जादू है,
तुम्हारी आंखों में बसा एक राज़ है।
मैं उस राज़ को जानने की चाहत में,
बस तेरे बालों में खो जाता हूँ।
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में बसी है इक नर्म सी रागिनी,
जो दिल को छू जाए, और उसे अपने में बसा ले।
मुझे वो बालों की सरसराहट सुननी है,
क्योंकि उस में छुपा है मेरा प्यार।
Bikhri Zulfein Shayari in Hindi| बिखेई जुल्फें शायरी
देखी थी एक रात तिरी ज़ुल्फ़ ख़्वाब में
फिर जब तलक जिया मैं परेशान ही रहा
रज़ा अज़ीमाबादी
बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना
तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है
असरार-उल-हक़ मजाज़
फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा
बशीर बद्र
टूटें वो सर जिस में तेरी ज़ुल्फ़ का सौदा नहीं
फूटें वो आँखें कि जिन को दीद का लपका नहीं
हक़ीर
दिल उस की तार-ए-ज़ुल्फ़ के बल में उलझ गया
सुलझेगा किस तरह से ये बिस्तार है ग़ज़ब
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
ज़ुल्फ़ों के बिखरने से यादें टूट जाती हैं,
जैसे तेरी हंसी भी अब सुनाई नहीं देती।
हर झूला तेरे बालों का अब मेरी दुनिया से दूर है,
और मैं अकेला, खामोश, तुझे याद करता हूँ।

तेरी ज़ुल्फ़ों में बसी मेरी मोहब्बत अब अधूरी है,
वो लहराती ज़ुल्फ़ें अब किसी और के पास हैं।
तुझे खोने के बाद, मैं हर दिन तुझसे मिलकर,
अपनी दुनिया को बिखरता देखता हूँ।
तेरी ज़ुल्फ़ों की छांव में जो कभी सुकून था,
वो अब खाली और सुनसान हो गया है।
तेरे बालों की महक अब हवा में गुम हो गई,
और मैं तुझसे अपने पास फिर से चाहता हूँ।
ज़ुल्फ़ों में बसी वो यादें अब दर्द बन गई हैं,
हर क़दम पर मुझे सिर्फ तुझे खोने का ग़म है।
तेरे जुल्फ़ों की राहों से मैं दूर चला गया हूँ,
और अब तुझसे जुदा होने का खामियाज़ा भुगत रहा हूँ।
तेरी ज़ुल्फ़ें अब मेरी नज़रों से दूर हैं,
और मैं सिर्फ़ उन्हीं को याद करता हूँ।
दिल टूट गया है, आंसू बहे हैं,
जब वो बालों में बसी मोहब्बत अब खो गई है।
तारीफ में Haseen Zulf Ke Upar Shayari
ज़ुल्फ़ों में किया क़ैद न अबरू से किया क़त्ल
तू ने तो कोई बात न मानी मिरे दिल की
इमाम बख़्श नासिख़
ज़ुल्फ़-ए-कलमूँही को प्यारे इतना भी सर मत चढ़ा
बे-महाबा मुँह पे तेरे पाँव करती है दराज़
हसरत अज़ीमाबादी
ग़म-ए-ज़माना तिरी ज़ुल्मतें ही क्या कम थीं
कि बढ़ चले हैं अब इन गेसुओं के भी साए
हफ़ीज़ होशियारपुरी
दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ
अपने दीवाने का अहवाल तू ज़ंजीर से पूछ
ज़ुल्फ़-ए-यार तुझ से भी आशुफ़्ता-तर हूँ मैं
मुझ सा न कोई होगा परेशान-ए-रोज़गार
तेरी ज़ुल्फ़ों की हर लहर में छुपी है,
एक अद्भुत सूरत, एक जादुई बात।
जिन बालों में लहराती है हवा की आवाज़,
वो बाल ही तो तुम्हारे खूबसूरत हो जाने की वजह हैं।
तुम्हारी ज़ुल्फ़ें जैसे रातों का सन्नाटा,
और उन में बसी है दिन की खामोशी।
ये लहराती बाल, तेरी आँखों की चमक,
मेरे दिल में बसी हुई हो, हर एक सूरत।
तेरी ज़ुल्फ़ों में जो कशिश है,
वह किसी खूबसूरत फूल की महक जैसी है।
वो बाल जो कभी सीधे होते थे,
अब हवाओं में लहराकर मेरी नज़रों का हिस्सा बन गए हैं।

तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में बसी हसरतें, वो खूबसूरत जादू,
जो हर किसी को खींचे, जैसे सुरमई गंध।
तेरे बालों की सौंधी महक में,
एक नया संसार बसा हुआ है।
ज़ुल्फ़ों की हर लहर में बसी है एक कहानी,
एक और याद, एक और दास्तान।
तेरे बालों में बसी हसरतें, वो खूबसूरत जादू,
जो हर किसी को खींचे, जैसे सुरमई गंध।
Conclusion
Julfe Shayari stands as a testament to the eloquence of poetry in expressing feelings tied to love and admiration. The delicate descriptions of hair symbolise not just physical beauty but also emotional bonds that transcend mere appearances.
This genre of shayari invites readers to delve into the intimate moments shared between lovers, capturing their essence in a few poignant lines. As more poets embrace this form, the allure of zulfein shayari is likely to continue captivating hearts across generations..