Dhoka Shayari, a poignant expression of betrayal and heartbreak, captures the raw emotions that accompany love’s treachery. In a world where trust is often shattered, these poetic verses serve as a cathartic outlet for those who have experienced deceit in relationships.
In this article, we will explore the essence of Dhoka Shayari, examining its relevance in contemporary society and offering a collection of powerful lines that capture the complexities of love gone wrong.
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The Collection Of Dhoka Shayari

महफिल में चल रही थी हमारी कत्ल की तैयारी
हम आए तो बोले, बहुत लंबी उम्र है तुम्हारी।
उसके धोखे पर अब क्या ही लिखूं
मैं तो अपने भरोसे पर शर्मिंदा हूं..!!
हार से, जीत से ना तलवार से डर लगता है
बस मुझे वक्त के ग़दार से डर लगता है।
रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं
अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं..
मतलब निकल जाने के बाद
सौगात में जो मिल जाता है
उसे धोखा कहते हैं
Dhoka Bewafa Shayari

मेरी जेब में ज़रा सा छेद क्या हो गया
सिक्के से ज़्यादा तो रिश्ते गिर गए!
वक्त नाजुक है फूलों से भी छलनी हो जाएगा
गैरों की क्या जरूरत धोखा तू अपनों से ही खाएगा..!!
वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीक़े से
मैं एतिबार न करता तो और क्या करता
दिन का क्या है दिन तो सबका ही ढलेगा
धोखा देने वाली, धोखा तुझे भी मिलेगा !
कौन है इस दुनिया में जिसे धोखा नहीं मिला
शायद वही है ईमानदार जिसे मौका नहीं मिला..!!
हाथ छोड़ दिया मेरा उस शख्स ने
जिसके लिए मैंने पूरा जहाँ छोड़ा था..!!
पल भर भी ना मिला वो,
वो जो उम्र भर चाहिए था।
Dhoka Shayari In Hindi

वफादार आज वो ही मिलेगा
जिसे धोखा देने का मौका ना मिला हो !
एक तरफ़ा ही सही पर प्यार मेरा सच्चा है
ये भी एक राज है राज रहे तो अच्छा है..
डर लगता है अब उन लोगों से
जो कहते हैं मेरा यकीन करो।
चार किताबें पढ़कर यहां कुछ हासिल नहीं हुआ
बिना धोखा खाए इस जहां में कोई काबिल नहीं हुआ!
तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहीं
हम भी सादा हैं इसी चाल में आ जाते हैं।
कमबख्त दिल को अगर इश्क में लगाओगे
लिख के ले लो धोखा जरूर पाओगे !
Dhoka Fareb Shayari

धोखा किसी और का
और मोहब्बत हमारी ठुकराई गई..!!
दर्द की शाम है, आंखों में नमी है
हर सांस कह रही है, फिर तेरी कमी है..!!
तूने जो किया वो धोखा था,
हमने जो सहा वो दर्द था।
याद का पता नहीं
पर शर्म तो आती होगी उसको..
एक छोटा सा ख्वाब था जो कभी पुरा ना हुआ
एक शख्स मेरा होकर भी मेरा ना हुआ..!!
ना जाने कौन सा आंसू मेरा राज खोल दे
मैं इस ख्याल में नजरें झुकाए बैठी हूं..!!
दिमाग लगाते तो रोना नहीं पड़ता
आज दिल लगाने की यह सज़ा मिल रही है..!!
तेरी बातों में हमने प्यार देखा था,
हकीकत में सिर्फ धोखा देखा था।
जिनकी दुआ किया करते थे रोज हजारों में
वहीं बेचते थे रिश्ते हर रोज बाजारों में!
उन्होंने हमे आजमाकर देख लिया
एक धोका हमने भी खाकर देख लिया
क्या हुआ हम हुए जो उदास
उन्होंने तो अपना दिल बहलाके देख लिया
अक्सर धोखा वही खाते हैं
जो जरूरत से ज्यादा किसी पर भरोसा करते हैं..
Conclusion
Dhoka Shayari is more than just a collection of verses; it reflects the universal experience of betrayal and emotional turmoil that many endure. The beauty of this genre lies in its ability to convey complex feelings through simple yet impactful words. Each Shayari serves as a vessel for expressing sorrow, anger, and ultimately, healing.
By sharing these poignant lines, individuals can find comfort in knowing that their pain is acknowledged and understood.